Description
सोऽहम्
गोरक्षशतकम्
(कैवल्यधाम द्वारा अंग्रेजी में प्रकाशित ग्रन्थ का हिन्दी रूपान्तरण)
दार्शनिक साहित्यानुसन्धान विभाग
कैवल्यधाम योग संस्थान से प्रकाशित ‘गोरक्षशतक’ दार्शनिक साहित्यिक अनुसन्धान का एक अनुपम उदाहरण है क्योंकि मात्र सौ श्लोकों की इस पुस्तिका का प्रकाशन कैवल्यधाम के अनुसन्धित्सुओं के खोज का परिणाम है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मात्र सौ श्लोकों वाला ‘गोरक्षश्शतक’ का हस्तलेख प्राप्ति के पूर्व ही स्वामी कुवलयानन्दजी तथा उनके सहयोगियों ने उन संभावित सौ श्लोकों का चयन कर लिया था जो इस ‘गोरक्षशतक’ में उपलब्ध इसके प्रारम्भिक श्लोक के आधार पर इसमें होने चाहिये थे और सर्वाधिक आश्चर्य की बात यह थी कि हमारे द्वारा चुने गये सौ श्लोक ही सौ श्लोकों वाली गोरक्षशतक के हस्तलेख में भी पाया गया । यह एकमात्र हस्तलेख हमें ‘इन्डिया ऑफिस लायब्ररी’, लन्दन से मिली जिसे प्रस्तुत गोरक्षशतक का मूलग्रन्थ माना गया है।
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