Yog or Vaikalpik Chikitsa By Dr. Vinod Prasaad Nautiyal
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Yog or Vaikalpik Chikitsa By Dr. Vinod Prasaad Nautiyal

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इस पुस्तक के माध्यम से पारम्परिक, वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों की विधि, लाभों को मानवता के सामने रखने और विशेषकर नवयुवकों को इस पद्धति से अवगत कराना है ताकि इस पद्धति की उपयोगिता का प्रचार-प्रसार हो सके और मानवता निरोग होकर आनन्दित जीवन जी सके। यह पुस्तक विभिन्न विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और संस्थानों में संचालित योग के पाठ्यक्रमों में योग और वैकल्पिक चिकित्सा का अध्ययन कर रहे छात्र-छात्राओं व शोधार्थियों के लिए ज्ञानवर्द्धन करने में सहायक होगी ऐसा प्रयास किया गया है।

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Product Description

योग और वैकल्पिक चिकित्सा  By  डॉ. विनोद प्रसाद नौटियाल

ISBN –   9788122506556

 

इस पुस्तक की विषय-वस्तु में प्रथम अध्याय के अन्तर्गत् वैकल्पिक चिकित्सा का परिचय, अर्थ और प्रणालियाँ, क्षेत्र, महत्त्व और सिद्धान्त बतलाए गए हैं। द्वितीय अध्याय में चुम्बक चिकित्सा का परिचय, इतिहास, प्रभाव और चुम्बक बनाने की विधि तथा प्रयोग विधि और प्रकार बतलाए गए हैं। तृतीय अध्याय में एक्यूप्रेशर चिकित्सा, का परिचय, अर्थ, प्रणालियाँ, सिद्धान्त, दबाव की विधि, उपकरण एवं सावधानियाँ, चतुर्थ अध्याय में वास्तुशास्त्र और मंत्र साधना का परिचय, अर्थ, महत्त्व, नियम, निवारण के उपाय और मंत्र साधना सिद्धि बतलाई गई है। पंचम अध्याय में स्वरोदय और नाड़ी परीक्षण का परिचय, तत्त्व ज्ञान और स्वर साधना में अभीष्ट सिद्धि, नाड़ी परिक्षण की विधि और नाड़ी के प्रकार और विभिन्न रोगों में नाड़ी की गति बतलाई गई है। षष्ठ अध्याय में प्राणिक हीलिंग चिकित्सा का परिचय, प्राण, चेतना और पंच-कोश, प्रभामंडल और प्राणशक्ति, इतिहास, सिद्धान्त और विधि बतलाई गई है। सप्तम अध्याय में स्वस्थ वृत्त का परिचय, दिनचर्या, रात्रिचर्या और आहार एवं निद्रा बतलाई गई है। अष्टम अध्याय में योग चिकित्सा, का परिचय, अर्थ और परिभाषा, अष्टांगयोग, विभिन्न अंगों पर योगाभ्यास का प्रभाव और स्वामी कुवलयानन्द द्वारा योग आसनों का वैज्ञानिक सर्वेक्षण एवं अनुसंधान कार्य बतलाए गए हैं। नवम् अध्याय में प्राकृतिक चिकित्सा का परिचय और परिभाषा, सिद्धान्त और पंच-महाभूत द्वारा चिकित्सा, मालिश चिकित्सा और आहार चिकित्सा बतलाई गई है। अध्याय दस में विभिन्न रोगों में वैकल्पिक चिकित्सा जैसे रोग-कब्ज, अम्ल, पित्त, दस्त लगना, मधुमेह, बहुमूत्र, मूत्रकृच्छूता, दमा, नजला-जुकाम, नाक की हड्डी (मांस ) बढ़ना, खाँसी, बच्चों की पसली चलना, कटिशूल, गर्दन में दर्द, सायटिका, उच्च रक्तचाप, हृदय में दर्द, मोटापा, गठिया, अजीर्ण, अरुचि, आंतों के कीड़े, पेट में दर्द, पीलिया, विषैले जीवों का काटना आदि का वर्णन विशेष विद्वानों के विचारों एवं सन्दर्भों को लेकर किया गया है।

 

Weight 0.250 kg
Dimensions 21.5 × 14 cm
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