Description
इस पुस्तक में वर्णित बाबा से सम्बंधित अनुभव प्रतिपल होने वाली उनके अनंत लीला सागर की कतिपय बूंदे मात्र हैं जिससे उस महासागर की थाह और विस्तार का बोध तो नहीं हो सकता पर उसकी विशेषताओं का अभिज्ञान हो सकता है I
बाबा का सानिध्य पाकर सभी लोगों की एकमात्र धारणा यही है की समस्त दिव्य गुणों से युक्त, परोपकाररत कृपा निधान बाबा हनुमान जी की ही प्रतिमूर्ति हैंI
हनुमान जी अमर कहे जाते हैं, इस कारण बाबा द्वारा होने वाली उनकी अयाचित एवं अभेद्पूर्ण कृपा का रूप भी अक्षय है I उनका महान चरित्र अत्यंत आकर्षक एवं प्रभाव पूर्ण है जिससे उनके प्रति आस्था को बढ़ावा मिलता है और व्यक्ति को आत्मिक सुधार की प्रेरणा मिलती है I यही इस पुस्तक की उपादेयता है I
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