Description
पतञ्जल योगदर्शनम्
(अभिनवाभिव्यक्तयोगप्रक्रियादिपरिष्कृत- विद्योदयभाष्यसहितम् )
इस भाषाही में योगसूत्रों की मौलिक, विशद, मनोहारी व् व्यवहारिक व्याख्या की गई है। जिस प्रकार माता बालक की रक्षा करती है उसी प्रकार यह भस्य भी योग-जिज्ञासुओं को योगमार्ग में सतत बने रहने के लिए सदा प्रवत्त करेगा।
विद्याभास्कर, वेदरत्न, न्याय-वैशेषिक, संख्या-योग तीर्थ, वेदांताचार्य शास्त्रशेवधि
आचार्य उदयवीर शास्त्री
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