Description
गिलोय:-
आयुर्वेद में गिलोय को विभिन्न बुखारों और अन्य स्थितियों के इलाज के लिए सबसे अच्छी औषधि माना जाता है। गिलोय तीन अमृत पौधों में से एक है। अमृत का अर्थ है ‘अमरता की जड़। इसलिए, इसे संस्कृत में अमृतवल्ली या अमृता भी कहा जाता है।गिलोय का उपयोग कर वात-पित्त और कफ को ठीक किया जा सकता है। यह पचने में आसान होती है, वायरल-वायरस (डेंगू ,कोरोना ) जैसे संक्रमण से बचाव के लिए इम्यूनिटी को मजबूत करती है, भूख बढ़ाती है, साथ ही आंखों के लिए भी लाभकारी होती है। आप गिलोय के इस्तेमाल से प्यास, जलन, डायबिटीज, कुष्ठ और पीलिया रोग में लाभ ले सकते हैं। इसके साथ ही यह वीर्य और बुद्धि बढ़ाती है और बुखार, उलटी, सूखी खाँसी, हिचकी, बवासीर, टी.बी., मूत्र रोग में भी प्रयोग की जाती है। महिलाओं की शारीरिक कमजोरी की स्थिति में यह बहुत अधिक लाभ पहुंचाती है।
Giloy:-
In Ayurveda, Giloy is considered the best medicine for treating various fevers and other conditions. Giloy is one of the three Amrit plants. Amrit means ‘root of immortality’. Therefore, it is also called Amritavalli or Amrita in Sanskrit. Vata-Pitta and Kapha can be cured by using Giloy. It is easy to digest, strengthens immunity to prevent infections like viral-virus (dengue, corona), increases appetite, as well as is beneficial for the eyes. You can get benefits in thirst, burning sensation, diabetes, leprosy and jaundice by using Giloy. Along with this, it increases semen and intelligence and is also used in fever, vomiting, dry cough, hiccups, piles, TB, urinary disease. It is very beneficial in case of physical weakness of women.
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