Description
जीवन का लक्ष्य निर्धारित करते समय जब हम भटकाव की स्थिति में होते हैं उस समय गुरु हमें राह दिखाकर भटकने से बचाता है। सच्चा गुरु न हो तो हमें सन्तों, भक्तों, महात्माओं व महापुरुषों के जीवन चरित्र से प्रेरक अमृत-सूत्र मिल जाता है जो जीवन का कायाकल्प कर देता है। भारत के प्रमुख प्रभु भक्तों एवं सन्तों के जीवन चरित्र तथा उपदेशों का अनमोल ग्रन्थ आपके हाथ में है, यह आपको जीवन का परम लक्ष्य चयनित करने में सहयोगी सिद्ध होगा। सरल, सुबोध और प्रेरणादायक घटनाओं से परिपूरित यह ग्रंथ आपको भगवद्भक्ति में संलग्न करके परमलक्ष्य की ओर ले जाने का मार्ग प्रशस्त करेगा। डॉ. उमेश पुरी ‘ज्ञानेश्वर’ को इस ग्रन्थ के लेखन पर ‘उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान’ से पुरस्कृत किया जा चुका है। आप भी इस ग्रन्थ को पढ़कर अपने जीवन को परम विकास की ओर ले जाएँ।
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