Description
बाबाजी
व १८ महऋषियों की क्रिया योग परम्परा
एम. गोविन्दं एम. ए.
इस पुस्तक में बाबाजी व् भारत के अमर महा ऋषियों का दुर्लभ वृतांत है. इन महऋषियों ने बाबाजी को क्रिया योग में जो ईश्वर, सत्य आत्मज्ञान की प्राप्त करने की वैज्ञानिक कलां है, परवर्तित किया। बाबाजी ने तीसरी शताब्दी ई. प. से यह तरुण अवस्था बनाये रखी है. इस पुःतक में में बाबाजी के बचपन, आत्मसाक्षात्कार को प्राप्त करने की इच्छा, रूपांतरण और मानवता के “अतिचेतन उद्विकास ” में सहायता के अपने लक्ष्य की परणाप्रद कहानी का वृतांत है.
इसमें क्रिया योग की मनोशारीरिक अवस्थाओं व् उसके अभ्यास के लिए स्पष्ट रूप से मार्गदर्शन दिया गया है क्रिया योग एक व्यक्तिको शारीरिक पराणिक मानसिक बौद्धिक व् आद्यात्मिक विकाश प्राप्त करने में सहयता करता हे. और इस प्रकार उसे स्वास्थ्य व प्रसन्नता प्राप्त करता है.
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