Description
आकृति से रोग की पहचान
प्राकृतिक चिकित्सा के विशेषज्ञ लुई कूने की लोकोपयोयगी पुस्तक का महावीरप्रसाद पोद्दार हिन्दी रूपांतर है
लुई कूने विश्व के उन प्राकृतिक चिकित्सा-विशेषज्ञों में से थे] जिन्होंने अनगिनत व्यक्तियों को न केवल दवाओं और डाक्टरों के चक्कर से बचाया अपितु उन्हें स्वस्थ रहने तथा बीमार पड़ने पर अपनी चिकित्सा आप करने की प्रेरणा दी।
प्राकृतिक चिकित्सा के संबंध में उन्होंने कई पुस्तकें लिखी हैं जिन्होंने बहुत-से पाठकों को प्रभावित किया है। उन्होंने प्राकृतिक चिकित्सा की श्रेष्ठता उपयोगिता तथा प्रामाणिकता को सिद्ध किया।
इस पुस्तक में मुखाकृति विज्ञान की पद्धति, व्यावहारिक निदान, संचय का निवारण, जीवनी-शक्ति की वृद्धि , मुखाकृति-विज्ञान और मस्तिष्क विद्या का संबंध दिया है।
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