Description
बच्चों के लिए योग शिक्षा लेखक स्वामी सत्यनंद सरस्वती
२ पुस्तकों का सेट
भाग १ और २
शिक्षा का तात्पर्य है मनुष्य का सर्वांगीण विकास | ऐसा नहीं होना चाहिए कि विद्यार्थी में केवल किताबी ज्ञान भर दिया जाय, जो उसकी बुद्धि के ऊपर तैरता रहे, जैसे तेल पांकी के ऊपर तैरता है| लोगों को अपने अन्दर के विचारों, मान्यताओं और भावनाओं के प्रति जागरूक रहना चाहिए| इस प्रकार की शिक्षा किसी प्रकार के दबाव में प्राप्त नहीं हो सकती| यदि ऐसा होता है तो वह उधार ली हुई शिक्षा होगी, न कि अनुभव द्वारा प्राप्त | सच्चा ज्ञान अपने अंदर से ही शुरू हो सकता है और अपने अन्दर के ज्ञान की परतों को खोलने के लिए योग ही माध्यम है |