Description
विषय सूचि-
मनुष्य- एक आध्यात्मिक संरचना, शरीर में मन की भूमिका, मानसिक शक्ति द्वारा रोगों का उपचार, ध्यान योग चिकित्सा क्या है, गुरुदेव मोहन जी से भेंट एवं सम्पर्क, गुरुदेव मोहन जी का प्रारम्भिक जीवन, जीवन और ज्योतिष, गुरुदेव मोहन जी की जन्म कुण्डली, गुरुदेव-एक आध्यात्मिक व्यक्तित्व, मोहन जी द्वारा आध्यात्मिक उपचार, गुरुदेव मानव सेवा को समर्पित, अभिमन्यु ध्यान योग केंद्र की स्थापना, चिकित्सा शिविरों का आयोजन, गुरुदेव के जर्मनी में शिविर- एक चुनौती, गुरुदेव दूसरी बार जर्मनी में, रोगमुक्त हुए रोगियों के उदाहरण, रोगियों के पत्र, रोगियों की आपत्तियां व समाधान, भीमकुंड शिविर विवरण
ध्यान किया नही जाता, हो जाता है। जब शरीर व मन की समस्त क्रियाएं शांत हो जाती है तो उसी को ध्यान कहते है।, रोग का बीज चित्त में होता है। चित्त में संकल्प से उस बीज को नष्ट किया जा सकता है।, ऐसी कोई बीमारी नहीं जिसका इलाज सम्भव न हो। कोई भी बीमारी लाइलाज नहीं है।, सभी बीमारियाँ मन की उपज है। यदि मन को स्थिर एवं शांत करके शरीर के केमिकल्स बदल दिए जाएँ तो शरीर को अनेक बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है।, मन को स्थिर करके दिव्यचेतना के साथ सम्पर्क साधकर व्यक्ति दूसरों का इलाज भी कर सकता है।, मन की विक्रति ही शारीरिक व मानसिक रोगों का कारण है। प्रक्रति की विक्रति ही रोग है।
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