Description
श्री हरि
श्रीमद्गोस्वामी तुलसीदास
वैराग्य-संदीपनी और बरवै रामायण
वैराग्य-संदीपनी और बरवै रामायण की रचना चौपाई और दोहों में हुई है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम के परम भक्त गोस्वामी तुलसीदास ने इसकी रचना की थी। तुलसीदास जी की इस रचना में दोहे और सोरठे 48 तथा चौपाई की चतुष्पदियाँ 14 हैं। इसका विषय नाम के अनुसार ‘वैराग्योपदेश’ है।
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